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जीवन पहले और अब ।

social welfare
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आज हम जिस परिवेश में निवास करते हैं वह अत्यंत ही आधुनिक परिवेश है। किंतु यदि आज के परिवेश की तुलना पहले के समय से करें तो अंतर जमीन आसमान का है । पहले के समय में लोगों की जीवनशैली एकदम आसान व सरल थी । लोग अपने कार्य को बहुत ही आसानी से पूर्ण कर लिया करते थे। किंतु आज कल का समय एक घुमावदार सड़क में परिवर्तित हो गया है। घुमावदार सड़क से मेरा आशय एक ऐसे जटिलता पूर्ण मार्ग से है जिसमें प्रवेश करते ही इंसान अपनी राह भटक जाता है या यह कहें जिस में प्रवेश करने के लिए हमें कई जटिल समस्याओं का सामना करना पड़ता है। पहले के समय में न था आतंकवाद और ना ही लोगों में किसी प्रकार का भय था । लोग आपस में एक दूसरे से मिल जुल कर रहते थे । किंतु आज के समय में लोग अपनी बुद्धि का इस्तेमाल ना करते हुए अपनी आंखों को बंद करके दूसरे लोगों के पीछे चलने को तैयार रहते हैं। चाहे फिर उसका नतीजा कुछ भी निकले। उन्हें इस बात से कोई मतलब नहीं होता कि सामने वाला व्यक्ति जहां जा रहा है वह सही है या गलत । उनको सिर्फ उस मार्ग पर चलना होता है जिस मार्ग पर सामने वाला व्यक्ति जा रहा होता है। किंतु इसकी तुलना में पहले लोग स्वयं की बुद्धि का इस्तेमाल करते थे। परिवार में परामर्श करते थे । जिसके चलते उन्हें किसी भी प्रकार की कोई भी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ता था। आजकल लोग वहां जाना पसंद करते हैं जहां उन्हें भीड़ जाती दिखाई देती है । मेरा ऐसा मानना है कि हमें अपने मन से अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करके ही अपना काम करना चाहिए ना कि जहां भीड़ जा रही हो वहां जाना चाहिए। अपने बुद्धि विवेक का इस्तेमाल करके कार्य करने से यदि हम को सफलता प्राप्त होती है तो उसको पूर्ण श्रेय सिर्फ और सिर्फ हमको ही जाता है ना कि किसी और को।

लेखक अमन सिंह
(सोशल एक्टिविस्ट व आरटीआई एक्टिविस्ट)
185/जी , कानून गोयन, प्रेमनगर, बरेली , उत्तर प्रदेश
मो. 8265876348

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