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भारतीय संविधान का प्रतीक है गणतंत्र दिवस ।

social welfare
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हमारे राष्ट्र के पर्व के रूप में गणतंत्र दिवस व स्वतंत्रता दिवस दो ही ऐसे राष्ट्रीय पर्व हैं जिनको प्रत्येक वर्ग व धर्म जाति के व्यक्ति हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। जैसा कि हम सभी को पता है कि 15 अगस्त 1947 को हमारे देश को स्वतंत्रता मिली व उसके उपरांत महान विभूतियों के संघर्ष के कारण 26 जनवरी सन 1950 को हमारे देश का संविधान लागू हुआ। हमारे भारतीय संविधान के जन्म दाता के रुप में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी के संघर्ष आज भी स्मरणीय हैं। हमारे देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद करने के लिए हमारे देश की महान विभूति जैसे हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी,लाला लाजपतराय ,बाल गंगाधर तिलक, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद , सुभाष चंद्र बोस , पंडित जवाहरलाल नेहरू , लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल आदि का योगदान रहा । लेकिन इन महान विभूतियों के योगदान को हमें कभी भूलना नहीं चाहिए । हम बहुत भाग्यशाली हैं कि हमें अन्न , वस्त्र, निवास आदि सब कुछ प्राप्त हैं । बस जरूरत है कि हम यह सीखें कि हमें प्रेम से एक साथ कैसे रहना है। आज के समय में इंसान एक दूसरे के प्रति अपनेपन की भावना न रखकर ईर्ष्या और द्वेष की भावना रखते हैं। मातृभूमि ने हमें बहुत कुछ दिया है अब वक्त हमारा है भारत माता को सम्मान और देश के नागरिक को उनका अधिकार दें। देश के जवान अपने प्राण को दांव पर लगाकर देश की सेवा करते हैं तो हमें भी देश की अंदरूनी देखभाल करनी चाहिए। हमे कभी भी आपस मे मतभेद नही रखने चाहिए। हम सब भारतवासियों को अपने देश के प्रति कर्तव्यनिष्ठ रहना चाहिए। हमे अपने राष्ट्र व राष्ट्र ध्वज का सम्मान करना चाहिये। हमे सदैव अपने देश के संविधान का अनुसरण करना चाहिए। हम सभी को यह संकल्प लेना होगा कि हम अपने भारतीय संविधान के विरुद्ध कोई भी काम नही करेंगे। हम सभी भारतवासियो को अपने मन मे अपने देश के प्रति एक सम्मान की भावना जागृत करनी होगी। अंत में मैं बस यही कहना चाहूंगा कि आओ मिलकर कुछ ऐसा करें कि भारत का झंडा हमेशा ऊंचा रहे ।

अमन सिंह
(सोशल एक्टिविस्ट व आरटीआई एक्टिविस्ट )
प्रेमनगर , बरेली, उत्तर प्रदेश
मो. 8265876348

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