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जैसा कि इस पंक्ति से स्पष्ट है कि “कर दिखाओ कुछ ऐसा कि दुनिया करना चाहे तुम्हारे जैसा”। इस पंक्ति से एक सकारात्मक सोच प्राप्त होती है। प्रत्येक व्यक्ति की यह चाह होती हैं कि वह अपने इस जीवन में अवश्य ही एक ऐसा मुकाम हासिल करें जब लोग उसकी तारीफ करें हर तरफ उसी व्यक्ति की चर्चा हो रही हो ।पैसे में पद में प्रतिष्ठा में वह व्यक्ति सर्वोच्च हो ।किंतु ऐसा इस दुनिया में सब के साथ नहीं हो सकता। मैं यह नहीं कहूंगा कि ऐसा किसी भी व्यक्ति के साथ नहीं हो सकता ।लेकिन हां ऐसा सबके साथ हो यह बिलकुल संभव नहीं है । जैसा कि हमारे हाथ की सभी उंगलियां एक समान नहीं होती ठीक उसी प्रकार इस दुनिया में जन्म लेने वाला प्रत्येक व्यक्ति एक समान नहीं होता। कुछ व्यक्ति ऐसे होते हैं जो प्रारंभ से ही अपने सपनों को साकार करने में लग जाते हैं। प्रारंभ से ही उन का एकमात्र लक्ष्य ही होता है कि उन्हें आगे चलकर कुछ ऐसा करना है जिससे हर तरफ उनकी तारीफ हो । उनका पद बड़े उनकी प्रतिष्ठा हो। इसी के विपरीत कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो सिर्फ और सिर्फ इंतजार करते रहते हैं कि अभी तो समय है आगे कर लेंगे और जनाब ऐसे लोग ही अंत में आकर पछताते रह जाते हैं, कि काश हमने बहुत पहले कोशिश करना शुरु कर दी होती तो आज हम किसी अच्छे मुकाम पर होते । प्रत्येक व्यक्ति में कुछ ना कुछ प्रतिभा कोई ना कोई हुनर कोई ना कोई काबिलियत अवश्य छुपी होती है । बस फर्क इतना है कि कुछ व्यक्ति अपने हुनर अपनी प्रतिभा को दिखाने में व समस्त दुनिया के सामने पेश करने में सफल हो जाते हैं तो कुछ लोग ऐसे होते हैं जो डरते हैं तथा अपने हुनर को अपनी प्रतिभा को लोगों के सामने नहीं दिखा पाते । ऐसे लोग ही अंत में आकर पछताते हैं और वह व्यक्ति जिन्होंने डर का सामना करते हुए भी अपने हुनर को अपनी प्रतिभा को इस दुनिया के सामने रखने की हिम्मत करी होती है वही लोग आगे जाकर कुछ करके दिखाते हैं। दोस्तों आज मैं फिर वही कहूंगा कि कर दिखाओ कुछ ऐसा कि दुनिया करना चाहे तुम्हारे जैसा। हमेशा सकारात्मक सोच रखे । नकारात्मकता को कभी भी अपने मन पर अपने तन पर हावी ना होने दें। हमेशा सकारात्मक सोचो अच्छा होगा इसी कामना के साथ मैं आपका अपना
लेखक अमन सिंह
(सोशल एक्टिविस्ट व आरटीआई एक्टिविस्ट)
प्रेमनगर बरेली
मो. 8265876348
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