Menu
blogid : 24235 postid : 1326535

कठिन परिश्रम से जलता है सफलता का चिराग ।

social welfare
social welfare
  • 41 Posts
  • 4 Comments

‘ सफलता ‘ ये एक एेसा मूल्यवान शब्द है जिसका एक महत्वपूर्ण व सर्वोपरि स्थान हर इंसान की जिंदगी मे होता है । सफलता इंसान के कठिन परिश्रम का परिणाम होती है । एक व्यक्ति ने अपने सम्पूर्ण जीवन मे जितने भी कठिन परिश्रम किये है उन सभी का परिचय उनकी सफलता ही देती है । या ये कहे कि एकमात्र सफलता ही है जो कि एक व्यक्ति के कठिन परिश्रम का परिचय देती है। एक व्यक्ति अपने जीवन के शुरुआती दौर से ही परिश्रम की सीढ़ी चढ़ना शुरू कर देता है । एक व्यक्ति के जीवन मे उसके कठिन परिश्रम करने का आरंभ तभी से हो जाता है जबसे वह व्यक्ति अपने शिक्षा युग मे प्रवेश करता है । शिक्षा का शुरुआती दौर थोड़ा आसान होता है लेकिन धीरे-धीरे समय जैसे-जैसे अपनी गति पकड़ता है वैसे-वैसे शिक्षा का यह दौर बढ़ता चला जाता है । उदाहरण के लिए यदि कोई छात्र दसवीं की पढ़ाई कर रहा है और वह उसके लिए प्रतिदिन पाँच घंटे का समय देता है और जैसे-जैसे वह उच्च शिक्षा की ओर अग्रसर होगा वैसे-वैसे अपनी पढ़ाई के लिए उसका समय भी बढ़ेगा । कहने का तात्पर्य यह है कि समय के साथ साथ सफलता प्राप्त करने हेतु कठिन परिश्रम अधिक से अधिक करना पड़ेगा । जैसा कि एक कहावत है कि ‘कठिन परिश्रम ही सफलता की कुंजी है।’ इस बात मे कोई भी दो राय नही है कि बिना कठिन परिश्रम किए सफलता प्राप्त नही हो सकती है । एक ऐसा व्यक्ति जो अपना वह कीमती व मूल्यवान समय जो उसे कठिन परिश्रम करने मे व्यतीत करना चाहिए था और वह उस मूल्यवान समय को मनोरंजन व फिजूल के कामो मे बर्बाद कर दे वह व्यक्ति सिर्फ और सिर्फ अपने भविष्य से खिलवाड़ के अतिरिक्त और कुछ भी नही कर रहा है । जो व्यक्ति अपनी पढ़ाई पूरे मन व एकाग्रता से करता है वही व्यक्ति अपने जीवन मे सफलता हासिल कर पाता है । ये बात बिलकुल सच है कि सफलता का चिराम एकमात्र कठिन परिश्रम रूपी घी के माध्यम से ही प्रज्वलित हो सकता है ।

अमन सिंह (सोशल एक्टिविस्ट) बरेली
मो. 8265876348

Tags:   

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh