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एक मनुष्य के लिए उसका जीवन सबसे महत्वपूर्ण होता है । बात चाहे जीवन के किसी भी महत्वपूर्ण व रोचक कार्य की करे उस कार्य को करने का असली मजा तभी है जब उस कार्य को सबके साथ मिलकर किया जाएँ । एक पुरानी कहावत है कि एक लकड़ी को आसानी से तोड़ा जा सकता है लेकिन जब कई लकड़ियो को एक साथ जोड़कर दिया जाएँ और कहाँ जाएँ कि अब इन्हें तोड़ा जाएँ तो शायद यह कार्य हर किसी के लिए संभव नही होगा । वर्तमान मे मानव अपनी जीवन की कार्यशैली मे इतना अधिक व्यस्त हो गया है कि उसे अपने परिवार व मित्रों के साथ समय व्यतीत करने का समय ही नही है ।आज मानव के पास इतना समय नही है कि वह अपने महत्वपूर्ण निर्णयों को लेने से पहले अपने परिवार के साथ बैठकर विचार विमर्श करे बल्कि वह स्वयं को ही प्रबल व सर्वोत्तम समझकर अपने सभी निर्णय लेना पंसद करता है । जब्कि शायद वह इस बात से अंजान है कि यदि किसी काम को सबके साथ मिलकर व विचार विमर्श करके किया जाएँ तो वह काम आसानी से व पूर्ण रूप से कर सकता है । उदाहरण के लिए यदि कोई विधार्थी किसी प्रश्न को हल करने का प्रयास करता है और बार-बार उस कार्य को करने मे असफल हो जाता है तो उसे अपने इस कार्य को अपने साथी सहपाठियो के साथ मिलकर करना चाहिए, जिससे उसे अपने प्रश्न का उत्तर आसानी से मिल जाए। वर्तमान समय मे हमारे समाज में एकल परिवार की अपेक्षाएँ मे सामूहिक परिवार न के बराबर है । आजकल लोग सामूहिक परिवार का त्याग कर एकल परिवार मे रहने को अच्छा मानते है व एकल परिवार को ही प्राथमिकता देते है । एक सर्वे की रिपोर्ट मे यह ज्ञात हुआ है कि लगभग 70% लोग एेसे है जो कि एकल परिवार मे इसलिए रहना पंसद करते है क्योंकि वह अपनी बातो को स्वयं तक ही रखना चाहते है न कि उन बातों को अपने परिवार से करना चाहते है । एेसा नही है कि हमारे समाज मे सामूहिक परिवारो का अभाव है लेकिन हाँ यह कहना गलत नही होगा सामूहिक परिवार का अस्तित्व शनै शनै एकल परिवार समाप्त कर देंगे। सामूहिक परिवार मे रहने के कई लाभ होते है । सामूहिक परिवार मे रहकर व सभी त्योहार , प्रसंगो को सभी के साथ मिलकर मनाने का आनंद स्वयं मे ही अदभुत होता है , इस आनंद का बखान करना बहुत मुश्किल है। आज से कई वर्ष पहले जब सामूहिक परिवार पूर्ण रूप से अस्तित्व में थे तब पूरा परिवार मिलकर अपने तनाव से मुक्त होने के लिए साथ मिलकर घूमना पंसद करते थे , किन्तु वर्तमान समय मे एकल परिवार अपने तनाव को दूर करने के लिए अन्य कई प्राथमिकता अपनाते है ।हमारे समाज के कई प्रतिशत युवा अभी भी एेसे है जो सामूहिक परिवार मे साथ मिलकर काम करने से जिस आनंद की अनुभूति होती है उससे अपरिचित है ।
प्रेषक. अमन सिंह (सोशल एक्टिविस्ट) बरेली
मो. 8265876348
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